Monday, June 24, 2019

sidh totke | उपायों / टोटकों द्वारा पायें सिद्ध

उपायों / टोटकों द्वारा पायें सिद्ध

इन उपायों / टोटकों द्वारा पायें अक्षय  तृतीया  पर सुख-वैभव-समृद्धि —-
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। अक्षय तृतीया का शाब्दिक अर्थ है कि जिस तिथि का कभी क्षय न हो अथवा कभी नाश न हो, जो अविनाशी हो।अक्षय तृतीया का पर्व ग्रीष्म ऋतृ में पड़ता है, इसलिए इस पर्व पर ऐसी वस्तुओं का दान करना चाहिए। जो गर्मी में उपयोगी एंव राहत प्रदान करने वाली हो।
  अक्षय तृतीया पर कुंभ का पूजन व दान अक्षय फल प्रदान करता है। धर्मशास्त्र की मान्यता अनुसार यदि इस दिन नक्षत्र व योग का शुभ संयोग भी बन रहा हो तो इसके महत्व में और वृद्घि होती हैं। इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र व सौभाग्य योग के साथ आ रही आखातीज पर दिया गया कुंभ का दान भाग्योदय कारक होगा।
इस दिन दान एंव उपवास करने हजार गुना फल मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन महालक्ष्मी की साधना विशेष लाभकारी एंव फलदायक सिद्ध होती है।
 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी है। उनकी साक्षी में किया गया धर्म-कर्म व दिया गया दान अक्षय हो जाता है, इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा गया है। आखातीज अबूझ मुहूर्त मानी गई है। अक्षय तृतीया से समस्त मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते है। हालांकि मेष राशि के सूर्य में धार्मिक कार्य आरंभ माने जाते है, लेकिन शास्त्रीय मान्यता अनुसार सूर्य की प्रबलता व शुक्ल पक्ष की उपस्थिति में मांगलिक कार्य करना अतिश्रेष्ठ हैं।

क्या करें अक्षय तृतीया का दिन–????
पंडित के अनुसार 
—– इस दिन समुद्र या गंगा स्नान करना चाहिए।
—–प्रातः पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा भी देनी चाहिए।
—–ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
—– इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए।
—–आज के दिन नवीन वस्त्र, शस्त्र, आभूषणादि बनवाना या धारण करना चाहिए।
—– नवीन स्थान, संस्था, समाज आदि की स्थापना या उद्घाटन भी आज ही करना चाहिए।

शास्त्रों में अक्षय तृतीया का वर्णन/ जानकारी —–
 —— इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ माना जाता है।
—–इसी दिन श्री बद्रीनारायण के पट खुलते हैं।
—- नर-नारायण ने भी इसी दिन अवतार लिया था।
—- श्री परशुरामजी का अवतरण भी इसी दिन हुआ था।
—– हयग्रीव का अवतार भी इसी दिन हुआ था।
—-वृंदावन के श्री बाँकेबिहारीजी के मंदिर में केवल इसी दिन श्रीविग्रह के चरण-दर्शन होते हैं अन्यथा पूरे वर्ष वस्त्रों से ढँके रहते हैं।
——भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि की युगादि तिथियों में गणना होती है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है। 
——भगवान विष्णु ने नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम जी का अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था। 
——ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव भी इसी दिन हुआ था।  हैं।
 
अक्षय तृतीया का सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है।
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यदि आपकी जन्म कुंडली में स्थित ग्रह आपके ऊपर अशुभ प्रभाव डाल रहे हैं तो इसके लिए उपाय भी अक्षय तृतीया से प्रारंभ किया जा सकता है।
 उपाय—— 
अक्षय तृतीया के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निपट कर तांबे के बर्तन में शुद्ध जल लेकर भगवान सूर्य को पूर्व की ओर मुख करके चढ़ाएं तथा इस मंत्र का जप करें-
 “”ऊँ भास्कराय विग्रहे महातेजाय धीमहि, तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ।””
 प्रत्येक दिन सात बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपका भाग्य चमक उठेगा। यदि यह उपाय सूर्योदय के एक घंटे के भीतर किया जाए तो और भी शीघ्र फल देता है।
तंत्र शास्त्र के अंतर्गत अनेक समस्याओं का समाधान निहित है। यह साधारण तंत्र उपाय जल्दी ही परिणाम देते हैं। यदि आपकी कोई परेशानी या जिज्ञासा हो तो आप हमें बताएं। आप अपनी परेशानी हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पोस्ट करें। हम आपकी परेशानियों का समाधान बताने का प्रयत्न करेंगे।
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पंडित के अनुसार अधिकांश माता-पिता और युवाओं की एक महत्वपूर्ण समस्या है सही समय पर विवाह। आधुनिकता की दौड़ में युवा अपने कैरियर को लेकर इतने व्यस्त रहते हैं कि उनकी शादी की सही आयु कब निकल जाती है उन्हें पता भी नहीं चलता। ऐसे में कई लोगों के लिए विवाह होना और मुश्किल हो जाता है। 
 
हम यहां एक अचूक प्रयोग बता रहे हैं जिससे अविवाहित युवाओं की विवाह संबंधी समस्या का त्वरित 
निराकरण हो जाएगा।
यह प्रयोग लड़के और लड़कियों दोनों द्वारा किया जा सकता है।

प्रयोग की विधि– इस प्रयोग को अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। 
– यह प्रयोग रात के समय किया जाना चाहिए।
– इसके लिए आप एक बाजोट / पटिये पर पीला कपड़ा बिछाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस बैठ जाएं।
– मां पार्वती का चित्र अपने सामने रखें।
– अपने सामने बाजोट पर एक मुट्ठी गेहूं की ढेरी रखें।
– गेहूं पर एक विवाह बाधा निवारण यंत्र  स्थापित करें और चंदन या केसर से तिलक करें।
उक्त पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बाद हल्दी माला से निम्न मंत्र का जप करें:

लड़कों के लिए मंत्र—— 
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवाम्।।
 लड़कियों के लिए मंत्र—— 
“”ऊँ गं घ्रौ गं शीघ्र विवाह सिद्धये गौर्यै फट्।””  
उक्त मंत्र को चार दिनों तक नित्य 3-3 माला का जप करें। अंतिम दिन इस सामग्री को देवी पार्वती के चरणों में किसी भी मंदिर में छोड़ आएं। शीघ्र ही आपका विवाह हो जाएगा।यह प्रयोग पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करें। यह सिद्ध प्रयोग है अत: मन में कोई संदेह ना लाएं। अन्यथा उपाय का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
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पंडित के अनुसार  तंत्र का उपयोग पहले जनकल्याण के लिए किया जाता था लेकिन समय के साथ इसका उपयोग स्वार्थ सिद्धि के लिए किया जाने लगा। कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए तंत्र के माध्यम से लोगों को परेशान करते हैं। यदि आप भी दुश्मनों के तांत्रिक प्रयोगों से पीडि़त रहते हैं तो अक्षय तृतीया के दिन यह साधना आपके लिए उपयोगी रहेगी। 

सर्वप्रथम मूंगा हनुमान (मूंगे से निर्मित हनुमान प्रतिमा) की स्थापना अपने घर के एकांत कक्ष में चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर करें। उनका यथाविधि पूजन करें और उन पर सिंदूर चढ़ाएं, तदुपरांत इस मंत्र का यथासंभव जप करें—
 मंत्र— 
“”ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर यंत्र-मंत्र-तंत्र-त्राटक-नाशकाय, सर्व-ज्वरच्छेदकाय, सर्व-व्याधि-निकृन्तकाय, सर्व-भय-प्रशमनाय, सर्वदुष्ट-मुख-स्तम्भनाय, देव-दानव-यक्ष-राक्षस-भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-दुष्टग्रह-बन्धनाय, सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रदाय रामदूताय स्वाहा।””
 अक्षय तृतीया के बाद मूंगा हनुमानजी की प्रतिमा को अपने पूजा स्थान में स्थापित करें और प्रत्येक दिन उनका धूप-दीप से पूजन करें तथा इस मंत्र का कम से कम 11 बार जप करें।
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अगर किया हो किसी ने बिजनेस पर टोटका तो यह करें उपाय—–
पंडित के अनुसार व्यापार-व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा भी होती है लेकिन कुछ लोग तंत्र का प्रयोग कर दूसरे की दुकान या व्यवसाय को बांध देते हैं जिसके कारण चलता हुआ बिजनेस भी ठप्प हो जाता है। यदि किसी ने आपके व्यापार-व्यवसाय पर भी तांत्रिक प्रयोग कर दिया हो तो इस साधना से उस तांत्रिक प्रयोग को काटा जा सकता है। 
 इस उपाय से व्यापार फिर से उन्नति करने लगेगा। यह उपाय अक्षय तृतीया को करें तो और भी अधिक शुभ फल प्रदान करता है।
 उपाय—–
1 दिव्य शंख, 11 लक्ष्मीकारक कौडिय़ां एवं सात गोमती चक्र, 108 काली मिर्च, 108 लौंग एवं थोड़ी सी सरसों (लगभग 100 ग्राम) को पीसकर रख लें। शाम को लकड़ी के पटरे पर या बैत कि चौकि पर एक काला कपड़ा बिछाकर किसी कटोरी में इस मिश्रण को भरकर स्थापित कर लें। अब सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस कटोरी को भीतर रख दें।  फिर दक्षिण की तरफ मुंह करके बैठें एवं नीचे लिखे मंत्र की 3 या 7 माला जप करें।
मंत्र—ऊँ दक्षिण भैरवाय भूत-प्रेत बंध तंत्र बंध निग्रहनी सर्व शत्रु संहारणी सर्व कार्य सिद्धि कुरु-कुरु फट् स्वाहा
अगले दिन थोड़ा सा मिश्रण कटोरी में से निकालकर दुकान के सामने बिखेर दें। 
इस प्रयोग द्वारा आप किसी भी प्रकार के तंत्र बंधन को काट सकते हैं।
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अक्षय तृतीया: इस टोटके से कभी न होगी पैसे की कमी—-
पंडित के अनुसार अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में यदि कोई टोटका किया जाए तो वह बहुत शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है और शुभ फल मिलने लगते हैं।  इस अवसर पर नीचे लिखे टोटके को पूरे विधि-विधान से किया तो जीवन में कभी पैसे की कमी नहीं रहती। यह अत्यंत सफल, प्रभावी और तेजस्वी टोटका है।
 टोटका—–
अक्षय तृतीया की रात को साधक शुद्धता के साथ स्नान कर पीली धोती धारण करे और एक आसन पर उत्तर की ओर मुंह करके बैठ जाएं तथा सामने सिद्ध लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें जो विष्णु मंत्र से सिद्ध हो और स्फटिक माला से निम्न मंत्र का 21 माला जप करें। मंत्र जप के बीच उठे नहीं, चाहे घुंघरुओं की आवाज सुनाई दे या साक्षात लक्ष्मी ही दिखाई दे।
 मंत्र—ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं ऐं ह्रीं श्रीं फट्
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क्या करें अक्षय तृतीया पर : —-
जल से भरे कुंभ को मंदिर में दान करने से ब्रह्मा, विष्णु व महेश की कृपा प्राप्त होती है। वहीं कुंभ का पंचोपचार पूजन व तिल-फल आदि से परिपूर्ण कर वैदिक ब्राह्मण को दान देने से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है। ऐसा करने से पितृ तृप्त होकर अशीर्वाद प्रदान करते हैं।
वैकुंठ पाने के लिए करें उपाय——-
वैशाख मास माधव का माह है। शुक्ल पक्ष विष्णु से संबंध रखता है। रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ है। धर्मशास्त्र के अनुसार ऐसे उत्तम योग में अक्षय तृतीया पर प्रातःकाल शुद्घ होकर चंदन व सुगंधित द्रव्यों से श्रीकृष्ण का पूजन करने से वैकुंठ की प्राप्ति होती है।
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अक्षय तृतीया के दिन की गई साधना व पूजा का फल कभी कम नहीं होता इसलिए इसे बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपको दुनिया का हर सुख मिले तो अक्षय तृतीया को यह टोटका करें—–
टोटका—
अपने सामने सात गोमती चक्र और महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें और सात तेल के दीपक लगाएं। यह सब एक ही थाली में करें और यह थाली अपने सामने रखें और शंख माला से इस मंत्र की 51 माला जप करें-
 मंत्र—— हुं हुं हुं श्रीं श्रीं ब्रं ब्रं फट्
अक्षय तृतीया के दिन इस प्रकार साधना करने से सभी सुख प्राप्त होते हैं।
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 लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अक्षय तृतीया पर किया गया यह उपाय किसी चमत्कार से कम नहीं है। स्फटिक के श्रीयंत्र को पंचोपचार पूजन द्वारा विधिवत स्थापित करें। माता लक्ष्मी का ध्यान करें, श्रीसूक्त का पाठ करें।
जितना संभव हो सके, मंत्र ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नयै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् का कमलगट्टे की माला से नियमित जप करें। नियमित रूप से एक गुलाब अर्पित करते रहें।
इस प्रकार पूजा करके ऐसे श्रीयंत्र को आप इस दिन व्यावसायिक स्थल पर भी स्थापित कर सकते हैं। लक्ष्मी की अपार कृपा होती है।
—– ऋण से मुक्ति के लिए अक्षय तृतीया पर कनकधारा यंत्र की लाल वस्त्र पर पूजा घर में स्थापना करें। पंचोपचार से पूजा करें। 51 दिन तक श्रद्धा से यंत्र का पाठ करें। धीरे-धीरे ऋण कैसे उतर गया, यह पता भी न चलेगा।
—– आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया से प्रारंभ करते हुए माता लक्ष्मी के मंदिर में प्रत्येक शुक्रवार धूपबत्ती व गुलाब की अगरबत्ती दान करने से जीवन में अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
—— वास्तुदोष के कारण यदि आर्थिक समृद्धि रुकी हुई हो तो ढक्कन सहित एक चांदी की डिबिया में गंगाजल भर दें। डब्बी पर मौली के साथ एक मूंगा बांध दें। अक्षय तृतीया के दिन इसे ईशान कोण में स्थापित कर दें। आर्थिक समृद्धि बढ़ने लगेगी। सभी प्रकार का नुकसान खत्म हो जाएगा। 
—— धनधान्य की वृद्धि के लिए अक्षय तृतीया को एक मुट्ठी बासमती चावल बहते हुए जल में श्री महालक्ष्मी का ध्यान करते हुए व श्री मंत्र का जप करते हुए जल प्रवाह कर दें। आश्चर्यजनक लाभ होगा।
—–धन की विशेष प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण में जड़ित चौदहमुखी रुद्राक्ष का प्रथम पंचोपचार से पूजन करें। लाल फूल अर्पित करें। रुद्राक्ष की माला से ॐ हृीं नम: मम गृहे धनं कुरु कुरु स्वाहा का एक माला जाप करें। 42 दिन तक जप करें। पश्चात रुद्राक्ष को गले में धारण करें।
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इस दिन दान एंव उपवास करने हजार गुना फल मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन महालक्ष्मी की साधना विशेष लाभकारी एंव फलदायक सिद्ध होती है। 
खास बातें ——–
1- जिन जातकों के कार्यो अड़चने आ रही हैं, या फिर जिनके व्यापार में लगातर हानि हो रही है। 
2- अधिक परिश्रम के बावजूद भी धन नहीं टिकता है एंव घर में अशान्ति बनी रहती है। 
3- संतान मनोकूल कार्य न करें तथा विरोधी चॅहुओर से परेशान कर रहें । 
4- जिन महिलाओं के वैवाहिक सुख में तनाव की स्थिति बनी रहती है। 
तो ऐसे में अक्षय तृतीया का व्रत रखकर और गर्मी में निम्न वस्तुओं जैसे- छाता, दही, जूता-चप्पल, जल का घड़ा, सत्तू, खरबूजा, तरबूज, बेल का सरबत, मीठा जल, हाथ वाले पंखे, टोपी, सुराही आदि वस्तुओं का दान करने से उपरोक्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

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