सिद्धि साधना मंत्र
जिन्न सिद्धि साधना मंत्र
कोई भी साधक यहां पर जिन्न को बुलाने/भगाने/जिन्न सिद्धि साधना मंत्र/जिन्न वशीकरण मंत्र इत्यादि को प्राप्त करकोई भी कार्य को सफल किया जा सकता है| आत्मा अजर अमर है। इसे सभी मानते हैं और हितकारी समझते हैं। जिन्नके साथ भी कुछ ऐसी ही भावना जुड़ी है। एक अटूट विश्वास भी है कि किसी को वशीकरण करने या दुर्लभ व मुश्किल केकार्य की संपन्नता के लिए तांत्रिक साधनाओं में जिन्न सिद्धि एक बहुत ही शक्तिशाली और लाभकारी उपाय है। इसकेलिए विभिन्न तरह की समस्याओं को दूर करने संबंधी विविध मंत्र विभिन्न ग्रंथों में वर्णित हैं, जिनकी सिद्धि-साधनासंबंधी तमाम प्रयोग रात्री में ही किए जाते हैं। कुछ साधनाओं में जिन्न को सपने में आवाहन किया जाता है। जब वे सपनेमें आ जाते हैं तब वे समस्याओं के बारे में न केवल पूछते हैं या बातें करते हैं, बल्कि उसका समाधान भी करते हैं, या कहेंकि सटीक दिशा-निर्देश देते हैं।
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जिन्न सिद्धि क्या है?
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एक सामान्य मान्यता या कहें अवधारणा के अनुसार जिन्न का अस्तित्व उस काल्पनिक पुरुष प्राणी से है, जो अपनीइच्छा से जीवन के हर उस कार्य को कर सकता है, जो चाहे कितना मुश्किल से भरा क्यों न हो। वह अदृश्य हो सकता है, उड़सकता है आदि, तो किसी भी वस्तु का रूप भी धारण कर सकता है। उसमें चमत्कारी शक्तियां भरी होती हैं, जो अपनेसाधक के लिए लाभकारी साबित होती हैं। इसके कई प्रकार हैं। बताते हैं कि जिन्न आग से पैदा हुआ इंसान है, लेकिन यहमनुष्य की तरह ही ईश्वर की उपासना करता है, लेकिन ये नस्तिक भी होते हैं। हालांकि इसके हानिकर दुष्प्रभावों के बारे मंकुछ कम चर्चाएं नहीं होती हैं, जो अक्सर मनुष्य की भूलों के ही परिणाम होते हैं। जिन्न को छोटी से छोटी शीशी याडिब्बिया में बंद किए जाने के किस्से भी सदियों से सुने जाते रहे हैं।
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दंत कथाओं मं अलादिन के चिराग के जिन्न की बात सर्वाधिक लोकप्रिय है। वैसे जिन्न संबंधी मान्यताएं मुस्लिमसमाज में ज्यादा हैं, क्योंकि अधिकतर जिन्न मुसलमान होते हैं इस्लाम की विचारधार के अनुरूप चलते हैं। यही कारण हैकि इसे एक मददगार रूह के नजरिए से ही देखा और महसूस किया जाता है। यह अगर मुसीबतों में राह दिखाने वाला औरकामकाज के दौरान आई अड़चनों से निजात दिलाने वाला होता है, तो इसकी मदद से किसी व्यक्ति को अपने वश मं भीकिया जा सकता है। परस्त्री गमन की गलत राह पकड़ने वाले या कहें परिवार व सामाज विरोधी अनैतिकता के दलदल मेंजा धंसे व्यक्ति को जिन्न साधना से ठीक किया जा सकता है।
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सपने में जिन्नः किसी कार्य की सिद्धि के लिए जिन्न को सपनों में बुलाया जाता है। उनसे साक्षात्कार करने के लिएनिम्नलिखित मंत्र का विधिवत 505 बार जाप किया जाता है। गुरु के बताए हुए मार्ग-दर्शन में अच्छे कार्य के लिए सच्चेमन से जिन्न साधना के मंत्र का आधी रात में जाप करने के बाद जिन्न को स्मरण करते हुए वहीं सो जाने से अच्छी नींदआती है। जिन्न सपने में आकर कार्य सिद्ध कर जाता है। उसका मंत्र इस प्रकार हैः-
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।।बिस्मिल्लाह रहेमाने रहिम या खुदा मो हार्फिल ब् हे हज़र शू बा ही इ बा।।
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गुलाम बना जिन्नः कार्य की सिद्धि के लिए एक अन्य प्रयोग उसे गुलाम बनाने का है, जिसमें जिन्न प्रकट हो जाता है।अर्थात जिन्न को जिस किसी व्यक्ति में प्रवेश करवा दिया जाता है, वह व्यक्ति जिन्न के माध्यम से गुलाम की भांतिकार्य करने लगता है। यह कहें कि इसके लिए किए गए अनुष्ठान और मंत्र जाप से जिन्न गुलाम बनकर समस्याओं कोनिदान बिना रूकावट के करने लगता है। इसका मंत्र इस प्रकार हैः-
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कली काली महाकाली, इंद्र की बेटी ब्रह्मा की साली।
कोई भी साधक यहां पर जिन्न को बुलाने/भगाने/जिन्न सिद्धि साधना मंत्र/जिन्न वशीकरण मंत्र इत्यादि को प्राप्त करकोई भी कार्य को सफल किया जा सकता है| आत्मा अजर अमर है। इसे सभी मानते हैं और हितकारी समझते हैं। जिन्नके साथ भी कुछ ऐसी ही भावना जुड़ी है। एक अटूट विश्वास भी है कि किसी को वशीकरण करने या दुर्लभ व मुश्किल केकार्य की संपन्नता के लिए तांत्रिक साधनाओं में जिन्न सिद्धि एक बहुत ही शक्तिशाली और लाभकारी उपाय है। इसकेलिए विभिन्न तरह की समस्याओं को दूर करने संबंधी विविध मंत्र विभिन्न ग्रंथों में वर्णित हैं, जिनकी सिद्धि-साधनासंबंधी तमाम प्रयोग रात्री में ही किए जाते हैं। कुछ साधनाओं में जिन्न को सपने में आवाहन किया जाता है। जब वे सपनेमें आ जाते हैं तब वे समस्याओं के बारे में न केवल पूछते हैं या बातें करते हैं, बल्कि उसका समाधान भी करते हैं, या कहेंकि सटीक दिशा-निर्देश देते हैं।
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जिन्न सिद्धि क्या है?
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एक सामान्य मान्यता या कहें अवधारणा के अनुसार जिन्न का अस्तित्व उस काल्पनिक पुरुष प्राणी से है, जो अपनीइच्छा से जीवन के हर उस कार्य को कर सकता है, जो चाहे कितना मुश्किल से भरा क्यों न हो। वह अदृश्य हो सकता है, उड़सकता है आदि, तो किसी भी वस्तु का रूप भी धारण कर सकता है। उसमें चमत्कारी शक्तियां भरी होती हैं, जो अपनेसाधक के लिए लाभकारी साबित होती हैं। इसके कई प्रकार हैं। बताते हैं कि जिन्न आग से पैदा हुआ इंसान है, लेकिन यहमनुष्य की तरह ही ईश्वर की उपासना करता है, लेकिन ये नस्तिक भी होते हैं। हालांकि इसके हानिकर दुष्प्रभावों के बारे मंकुछ कम चर्चाएं नहीं होती हैं, जो अक्सर मनुष्य की भूलों के ही परिणाम होते हैं। जिन्न को छोटी से छोटी शीशी याडिब्बिया में बंद किए जाने के किस्से भी सदियों से सुने जाते रहे हैं।
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दंत कथाओं मं अलादिन के चिराग के जिन्न की बात सर्वाधिक लोकप्रिय है। वैसे जिन्न संबंधी मान्यताएं मुस्लिमसमाज में ज्यादा हैं, क्योंकि अधिकतर जिन्न मुसलमान होते हैं इस्लाम की विचारधार के अनुरूप चलते हैं। यही कारण हैकि इसे एक मददगार रूह के नजरिए से ही देखा और महसूस किया जाता है। यह अगर मुसीबतों में राह दिखाने वाला औरकामकाज के दौरान आई अड़चनों से निजात दिलाने वाला होता है, तो इसकी मदद से किसी व्यक्ति को अपने वश मं भीकिया जा सकता है। परस्त्री गमन की गलत राह पकड़ने वाले या कहें परिवार व सामाज विरोधी अनैतिकता के दलदल मेंजा धंसे व्यक्ति को जिन्न साधना से ठीक किया जा सकता है।
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सपने में जिन्नः किसी कार्य की सिद्धि के लिए जिन्न को सपनों में बुलाया जाता है। उनसे साक्षात्कार करने के लिएनिम्नलिखित मंत्र का विधिवत 505 बार जाप किया जाता है। गुरु के बताए हुए मार्ग-दर्शन में अच्छे कार्य के लिए सच्चेमन से जिन्न साधना के मंत्र का आधी रात में जाप करने के बाद जिन्न को स्मरण करते हुए वहीं सो जाने से अच्छी नींदआती है। जिन्न सपने में आकर कार्य सिद्ध कर जाता है। उसका मंत्र इस प्रकार हैः-
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।।बिस्मिल्लाह रहेमाने रहिम या खुदा मो हार्फिल ब् हे हज़र शू बा ही इ बा।।
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गुलाम बना जिन्नः कार्य की सिद्धि के लिए एक अन्य प्रयोग उसे गुलाम बनाने का है, जिसमें जिन्न प्रकट हो जाता है।अर्थात जिन्न को जिस किसी व्यक्ति में प्रवेश करवा दिया जाता है, वह व्यक्ति जिन्न के माध्यम से गुलाम की भांतिकार्य करने लगता है। यह कहें कि इसके लिए किए गए अनुष्ठान और मंत्र जाप से जिन्न गुलाम बनकर समस्याओं कोनिदान बिना रूकावट के करने लगता है। इसका मंत्र इस प्रकार हैः-
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कली काली महाकाली, इंद्र की बेटी ब्रह्मा की साली।
बालक की रखवाली, काले की जै काली!!
भैरों कपाली, जटा रातों खेले। चंद हाथ कैडी मठा।
मसानिया वीर। चैहटे लड़का। समानिया वीरा। बर्जकाया।
जिह्व करन नरसिंह धाया। नरसिंह फोड़ कपाल चलाया।
खेल लोहे का कुंडा। मेरा तेरा वाण फटका। भूगोल बैठना।
काल भैरों बाबा । अपनी चैकी बैठाना।
शब्द सांचा। पिंड कांचा। फुरो मंत्र वाचा!! - इस मंत्र को 21 शनिवार और रविवार को रात में 10 बजे के बाद 21 माला कीजाप करनी है। जिन्न के प्रकट होने की स्थिति में उसे अपने कार्य के वचनों में बांध लिया जाता है। इससे किसी को भीअपने वश में किया जा सकता है। केवल उसे जिन्न का नाम बताने की जरूरत होती है। इसके अलावा दुश्मन कीपरेशानियों से मुक्ति मिल सकती है। अच्छी नौकरी मिलने में मदद मिलती है और धनागमन के स्रोत बनते हैं।
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जिन्न भगाने के मंत्रः जिन्न को भगाने अर्थात उससे मुक्ति के लिए जहां शाबर मंत्र दिए गए हैं, वहीं हिंदू धार्मिकअनुष्ठान की मदद मदद से भी भूत-प्रेत को भगाया जा सकता है।
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शाबर मंत्रः
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जिन्न भगाने के मंत्रः जिन्न को भगाने अर्थात उससे मुक्ति के लिए जहां शाबर मंत्र दिए गए हैं, वहीं हिंदू धार्मिकअनुष्ठान की मदद मदद से भी भूत-प्रेत को भगाया जा सकता है।
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शाबर मंत्रः
बिस्मिल्लाह रहमान ऐ रहीम,
लाइल्लाहा की कोठरी ईल अल्लाह की खाई,
हजरत अली की चैकी,
मोहम्मद रसूल इल्लाह की दुहाई।
हनुमत मंत्रः ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाया!! -
घर में प्रेत बाधा को दूर करने के लिए सुबह-शाम घर में धूनी देने से भी जिन्न आदि दूसरी प्रेतात्माओं से मुक्ति मिलतीहै। इसके लिए गोबर के उपले यानि कंडे को जलाकर उसमें लोहबान और गुग्गल के मिश्रण की धूनी जलानी चाहिए।इसके लिए शनिवार का दिन उपयुक्त है।
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विवाह में बाधक: जिन्न के बारे में एक खास बात यह है कि इनकी कमजोरी खुबसूरत औरतों हैं। इस कारण कई बारकुंवारी लड़कियों के विवाह में आने वाली रूकावट इसी वजह से होते हैं। मुस्लिम समाज में जिन्न के साए में आ चुकीअविवाहित लड़की को शीघ्र विवाह करवाने या सुयोग्य शौहर की तलाश के लिए उसके सामने या किसी पीर-फकीर केमजार पर उसके नाम की आयत अल्कुरसी या आयतुल करीमा पढ़ी जाती है।
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रोग-बीमारी से छुटकाराः पीर-फकीर या बाबा की मजार पर जिन्न का वास होता है। उनको सिद्ध कर ही जिन्नों की मददली जा सकती है। करीब 500 साल पहले पंजाब में मलेरकोटला वाले बाबा हैदर शेख बहुत ही सिद्ध फकीर थे। मान्यता केअनुसार उनसे संबंधित नीचे दिए गए मंत्र का विधिवत जाप करने से रोग से छुटकारा मिलता है कया हमेशा निरोगी बनीरहती है।
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रोड़े शाह मलंग,
घर में प्रेत बाधा को दूर करने के लिए सुबह-शाम घर में धूनी देने से भी जिन्न आदि दूसरी प्रेतात्माओं से मुक्ति मिलतीहै। इसके लिए गोबर के उपले यानि कंडे को जलाकर उसमें लोहबान और गुग्गल के मिश्रण की धूनी जलानी चाहिए।इसके लिए शनिवार का दिन उपयुक्त है।
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विवाह में बाधक: जिन्न के बारे में एक खास बात यह है कि इनकी कमजोरी खुबसूरत औरतों हैं। इस कारण कई बारकुंवारी लड़कियों के विवाह में आने वाली रूकावट इसी वजह से होते हैं। मुस्लिम समाज में जिन्न के साए में आ चुकीअविवाहित लड़की को शीघ्र विवाह करवाने या सुयोग्य शौहर की तलाश के लिए उसके सामने या किसी पीर-फकीर केमजार पर उसके नाम की आयत अल्कुरसी या आयतुल करीमा पढ़ी जाती है।
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रोग-बीमारी से छुटकाराः पीर-फकीर या बाबा की मजार पर जिन्न का वास होता है। उनको सिद्ध कर ही जिन्नों की मददली जा सकती है। करीब 500 साल पहले पंजाब में मलेरकोटला वाले बाबा हैदर शेख बहुत ही सिद्ध फकीर थे। मान्यता केअनुसार उनसे संबंधित नीचे दिए गए मंत्र का विधिवत जाप करने से रोग से छुटकारा मिलता है कया हमेशा निरोगी बनीरहती है।
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रोड़े शाह मलंग,
घुते शाह मलंग,
मियां नूर शाह वली
देखां मियां मलेरकोटला वाले बाबा हैदर शेख
तेरी हाजरी का तमाशा।
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इस मंत्र के जाप और अनुष्ठान का शुभारंभ शुक्लपक्ष में चंद्रमा के दर्शन के बाद उसी पखवाड़े के पहले गुरुवार की रात दसबजे के बाद किया जाता है। गुरु पूजन, गणेश पूजन और तेल के दीपक के प्रज्ज्वलन के बाद जाप प्रारंभ से पहले गोबर केजलते कंडे पर लोहवान और पीले चावल के मिश्रण की आहूति दी जाती है। जाप पूर्ण होने के बाद चावल के वितरित करदिया जाता है। इस अनुष्ठान के कुल 41 दिनों तक करने से मनोवांछित साधना पूर्ण होती है।
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इस प्रयोग के समय रोगी के उपस्थित होने पर इस मंत्र से 21 बार जल अभिमंत्रित कर उसपर छिड़कने के साथ-साथ हाथमें अभिमंत्रित काला धागा बंध दिया जाता है।
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इस मंत्र के जाप और अनुष्ठान का शुभारंभ शुक्लपक्ष में चंद्रमा के दर्शन के बाद उसी पखवाड़े के पहले गुरुवार की रात दसबजे के बाद किया जाता है। गुरु पूजन, गणेश पूजन और तेल के दीपक के प्रज्ज्वलन के बाद जाप प्रारंभ से पहले गोबर केजलते कंडे पर लोहवान और पीले चावल के मिश्रण की आहूति दी जाती है। जाप पूर्ण होने के बाद चावल के वितरित करदिया जाता है। इस अनुष्ठान के कुल 41 दिनों तक करने से मनोवांछित साधना पूर्ण होती है।
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इस प्रयोग के समय रोगी के उपस्थित होने पर इस मंत्र से 21 बार जल अभिमंत्रित कर उसपर छिड़कने के साथ-साथ हाथमें अभिमंत्रित काला धागा बंध दिया जाता है।
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