Hanuman ji Mantra Sangrah
हनुमान जी मंत्र संग्रह
1. सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र :-
अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी |
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी |
इस मंत्र का 10000 बार
जाप करने से
आपका कोई भी
रुका हुआ कार्य
शीघ्र ही पूर्ण
हो जाता है
| इसके साथ ही
यदि आप किसी
मुकदमे में फंसे
है तो उसमे
भी विजय प्राप्त
होती है |
2. भूत-प्रेत आदि के
निवारण के लिए
:-
ॐ नमो हनुमते
रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे
कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय
रामदूताय स्वाहा |
कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय
रामदूताय स्वाहा |
इस मंत्र का विधानपूर्वक
1000 बार जाप करने
से यह मंत्र
सिद्ध होता है
| परन्तु यदि आप
इस मंत्र को
उच्चारण सूर्य या चंद्र
ग्रहण के समय
करते है तो
यह सिर्फ एक
बार के जाप
मात्र से सिद्ध
हो जाता है
| मंत्र सिद्ध के पश्चात्
रोगी को जिसमे
भूत – प्रेत आया
है उस पर
इस मंत्र का
जाप करते हुए
मोर पंख से
झाड़ा दे | और
इसके साथ साथ
मंत्र द्वारा जल
को भी अभिमंत्रित
कर रोगी को
पिलाये | ऐसा करने
से भूत- प्रेत
आदि की बाधा
से शांत होकर
रोगी रोगमुक्त हो
जाता है |
3. भय
निवारण के लिए
:
अंजनीगर्भसम्भूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय
नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष
सर्वदा ||
यदि किसी को
बुरे सपने आते
है | सपने में
अक्सर डर जाते
है या दिन
के समय भी
किसी अनजान वस्तु
से डर बना
रहता हो तो
इस मंत्र का
रात्रि में सोने
से पहले 11 बार
जाप कर तीन
ताली बजाकर सो
जाये ||
4. वशीकरण
मंत्र :
ॐ नमो हनुमते
उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रुं रुं
रुं रुं रुं
रूद्रमूर्तये प्रयोजन निर्वाहकाय स्वाहा
||
इस मंत्र का सवा
लाख जप करने
के पश्चात् जिस
व्यक्ति को अपने
वश में करना
हो उसके पैर
की मिटटी लेकर
27 बार इस मंत्र
को पढ़े और
अब इस मिटटी
को उसके अंग
से स्पर्श करा
दे, ऐसा करते
ही वह व्यक्ति
साधक के वशीभूत
हो जायेगा |
5. व्यापर
में प्रगति के
लिए मंत्र :
जल
खोलूं जल हल
खोलूं खोलूं बंज
व्यापार आवे धन
अपार
फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा हनुमत वचन जुग जुग सांचा ||
फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा हनुमत वचन जुग जुग सांचा ||
इस मंत्र को काले
उर्द पर पढ़कर
दुकान में डाल
देने से रुका
हुआ व्यापार चलने
लग जाता है
|
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