Monday, June 24, 2019

sarva karya siddhi mantra | सर्व कार्य साधक मंत्र

sarva karya siddhi mantra सर्व कार्य साधक मंत्र

शक्तिशाली सर्व कार्य साधक मंत्र

मां भगवती काली का मनोकामना पूर्ति मंत्र ! काली के भगतों की मनोकामना इस मंत्र के प्रभाव से आवश्य ही पूर्ण होती है बस कुछ ही दिन धर्य के साथ हर रोज शाम को 30 मिनट इस मंत्र का जाप करने से चमत्कारिक लाभ होगा और जीवन मे कोई भी अभाव नहीं रहेगा ये पक्की बात है। विश्वास ना हो तो आजमा के देखलो . इसके साथ यदि प्राण प्रतिष्ठित कलियंत्र भी धारण् कर लिया जाये तो बस फिर कहना ही क्या बात है की संसार का हर व्यक्ति
 सुख के लिये कर्म करता है….

मंत्र
ओम क्रीं काली काली कलकत्ते वाली !हरिद्वार मे आके डंका बजाओ ! धन के भंडार भरो मेरे सब काज करो !ना करो तो दुहाई !दुहाई राजा राम चन्द्र हनुमान वीर की !


कोई तांत्रिक प्रयोग काटने का उच्चाटन


 मंत्र 
काला कलुवा चौसठ वीर।
मेरा कलुवा मारा तीर।
जहां को भेजूं वहां को जाये।
मॉस मच्छी को छुवन  जाए।
अपना मार आप ही खाए।
चलत बाण मारूं।
उलट मूठ मारूं।
मार मार कलुवा तेरी आस चार।
चौमुखा दिया  बाती।
जा मारूं वाही को जाती।
इतना काम मेरा  करे।
तो तुझे अपनी माता का दूध हराम।

विधि: तांत्रिक प्रयोग आदि के द्वारा मारन प्रयोगों में कई प्रयोग है जैसे बाण और मूठ मारना , ये कुछ सरल और अचूक है।
लेकिन ये देिखऐ नहीं देते और जब भी आपको ये लगे की ऐसा हुआ है तब लगातार ऊपर दिया हुआ मंत्र का जप करते रहे, तांत्रिक कर्म वापिस चला जायेगा।
लेकिन पहले इस मंत्र को सिद्ध कर लो. १०८ बार जपो प्रतिदिन ४१ दिनों तक।

सभी मन्त्रों कि सिद्धि में सहायक
 मंत्र 
 काली घाटे काली माँ।
पतित पावनी काली माँ।
जवा फूले।
स्थुरी जले।
सेई जवा फ़ुल मैं सिआ बडाये।
देवीर अनुर्बले।
एही होत क्रिवजा होइवे।
ताहि काली धर्मेर।
वले काहार आगये राठे।
काली का चंडीर आसे।
विधि : किसी भी अनुष्ठान से पहले इस मन्त्र का १०८ बार जप कर लें। अनुष्ठान में सफलता निश्चित हो जाती है . इस क पाठ करके धरती पर फूंक मारे फ़िर अनुष्ठान करे अवस्य सफलता मिलेगी ओर इच्छित परिणाम मिलेगा।


पाताल क्रिया साधना

इस साधना कि कई अनुभूतिया है,और साधना भि एक दिन कि है.कई येसे रोग या बीमारिया है जिनका निवारण नहीं हो पाता ,और दवाईया भि काम नहीं करती ,येसे समय मे यह प्रयोग अति आवश्यक है.यह प्रयोग आज तक अपनी कसौटी पर हमेशा से ही खरा उतरा है .

प्रयोग सामग्री :-
एक मट्टी कि कुल्हड़ (मटका) छोटासा,सरसों का तेल ,काले तिल,सिंदूर,काला कपडा .
प्रयोग विधि :-
शनिवार के दिन श्याम को ४ या ४:३० बजे स्नान करके साधना मे प्रयुक्त हो जाये,सामने गुरुचित्र हो ,गुरुपूजन संपन्न कीजिये और गुरुमंत्र कि कम से कम ५ माला अनिवार्य है.गुरूजी के समक्ष अपनी रोग बाधा कि मुक्ति कि लिए प्रार्थना कीजिये.मट्टी कि कुल्हड़ मे सरसों कि तेल को भर दीजिये,उसी तेल मे ८ काले तिल डाल दीजिये.और काले कपडे से कुल्हड़ कि मुह को बंद कर दीजिये.अब ३६ अक्षर वाली बगलामुखी मंत्र कि १ माला जाप कीजिये.और कुल्हड़ के उप्पर थोडा सा सिंदूर डाल दीजिये.और माँ बगलामुखी से भि रोग बाधा मुक्ति कि प्रार्थना कीजिये.और एक माला बगलामुखी रोग बाधा मुक्ति मंत्र कीजिये.

मंत्र :- || ओम ह्लीम् श्रीं ह्लीम् रोग बाधा नाशय नाशय फट ||
मंत्र जाप समाप्ति के बाद कुल्हड़ को जमींन गाड दीजिये,गड्डा प्रयोग से पहिले ही खोद के रख दीजिये.और ये प्रयोग किसी और के लिए कर रहे है तो उस बीमार व्यक्ति से कुल्हड़ को स्पर्श करवाते हुये कुल्हड़ को जमींन मे गाड दीजिये.और प्रार्थना भि बीमार व्यक्ति के लिए ही करनी है.चाहे व्यक्ति कोमा मे भि क्यों  हो  घंटे के अंदर ही उसे राहत मिलनी शुरू हो जाती है.कुछ परिस्थितियों मे एक शनिवार मे अनुभूतिया कम हो तो यह प्रयोग आगे भि किसी शनिवार कर सकते है.

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