Friday, June 21, 2019

siddha kunjika stotram | सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र को सिद्ध करने की सरल विधि



हिन्दू धरम एकमात्र ऐसा धरम है जिसमें जितना सम्मान और महत्व देव पूजा को दिया जाता है उतना ही सम्मान देवी पूजन को भी दिया जाता है | माँ दुर्गा को सबसे बड़ी शक्ति के रूप में पूजा जाता है | माँ दुर्गा के अनेक रूप है जिनका विस्तार से वर्णन मार्कण्डेय पुराण के अंतर्गत देवी महात्यम में किया गया है | माँ दुर्गा की पूजा -आराधना और उनकी विशेष कृपा पाने हेतु दुर्गा सप्तशती का पाठ करना सर्वोतम माना गया है |दुर्गा सप्तशती का पाठ करने में पूजा-विधान बहुत बड़ा  होने के साथ-साथ समय भी अधिक लगता है | इसलिए जो भक्त इस पाठ के लिए समय नहीं निकाल पाते उनके लिए सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ भी सप्तशती पाठ के समान ही फल देने वाला है |

सिद्ध कुंजिका स्त्रोत :-


सिद्ध कुंजिका स्त्रोत , दुर्गा सप्तशती पाठ का सार माना गया है | इसलिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मिलने वाला सम्पूर्ण फल आपको सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ के करने मात्र से प्राप्त हो जाता है | दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण पाठ करने में जहाँ 2 से 3 घंटे का समय लगता है वहीं सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ कुछ मिनट में ही पूर्ण हो जाता है | यदि आप संकल्प लेकर सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र का नियमित जप करते है तो माँ दुर्गा के आशीर्वाद से आपकी सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है और साथ ही इस मंत्र का प्रयोग दूसरों की भलाई के लिए भी किया जा सकता है |

सिद्ध कुंजिका मंत्र को सिद्ध करने की सरल विधि : –

सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र:-

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ग्लौ हुं क्लीं जूं सः 

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।



मंत्र सिद्ध करने की विधि : – पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपडा बिछाकर माँ दुर्गा की फोटो की स्थापना करें | अब इस मंत्र को एक कागज पर लिखकर फोटो के नीचे रख दे | चौकी के बायीं तरफ एक घी का दीपक जलाये और गणेश जी की स्थापना करें | ( गणेश जी की स्थापना के लिएएक मिट्टी की डली लेकर इस पर लाल धागे को लपेट ले और अब इसे एक कटोरी में थोड़े चावल डालकर चौकी पर स्थापित कर दे |
अब आप आसन बिछाकर चौकी के सामने बैठ जाये और सबसे पहले गणेश जी का आव्हान करे | गणेश जी के साथ -साथ सभी देवों का आव्हान करें और संकल्प लेकर माला का जप आरम्भ कर दे |

इस साधना को करने के लिए सुबह 11 बजे से पहले का एक समय सुनिश्चित कर प्रतिदिन उसी समय पर पूजा करें | इस प्रकार से माँ दुर्गा की इस साधना को 41 दिन तक करने से यह सिद्ध कुंजिका मंत्र सिद्ध हो जाता है | 41 दिन पूरे होने के बाद जितने मंत्र जप आपने इन दिनों में किये है उनका दशांश(10वां भाग ) मंत्र की आहुति द्वारा हवन करें | और हवन के पश्चात् 5 या 9 कन्याओं को भोजन कराएँ अपने सामर्थ्य अनुसार उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दे |  
♣ पूजा -पाठ का सम्पूर्ण फल पाने के लिए , इस प्रकार संकल्प लेना है जरुरी 

मंत्र सिद्ध करते समय ध्यान देने योग्य बातें :-

मंत्र सिद्ध करते समय जितने मंत्र जाप आप पहले दिन करते है उतने ही मन्त्रों का जाप प्रतिदिन करें | यदि आप चाहे तो मंत्र जप की संख्या बढ़ा सकते है किन्तु कम कदापि करें | उदाहरण के लिए : यदि आप पहले दिन 2 माला का जाप करते है तो प्रतिदिन 2 माला का ही जप करें |
मंत्र सिद्धि के समय जिस स्थान पर बैठकर आप पूजा करते है उस स्थान में कोई बदलाव करें |
साधना को 41 दिन तक प्रतिदिन करें

ध्यान रहें : – साधना बीच में छूटनी नहीं चाहिए |
साधना काल में शाकाहारी भोजन ही करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें |

सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र सिद्ध करने के लाभ : –

सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र को सिद्ध करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और पीडाएं अपने आप दूर होने लगती है | माँ दुर्गा की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है | समाज में मान -सम्मान मिलता है | घर में घन -लक्ष्मी की वृद्धि होती है | ऐसा व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है |सिद्ध कुंजिका मंत्र के सिद्ध होने पर इसे दुसरे लोगों की भलाई के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है |


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